This post is also available in: English (अंग्रेज़ी) हिन्दी বাংলা (बंगाली)
आपका बच्चा हर चीज को देख कर उसे पकड़ने और उसे चबाने की कोशिश कर रहा है…आह!..दांतों में दिक्कत..जब आपके बच्चे का पहला छोटा सा दांत दिखाई देता है यह सचमुच माता-पिता और बच्चे के लिए यह कितना खूबसूरत दिन है.. एक और पड़ाव पार कर लिया!
ज़्यादातर बच्चों का अपना पहला दांत 6-12 महीने के बीच में कभी भी आ जाता है।
माता-पिता के रूप में अब यह हमारा कर्तव्य बन जाता है कि हम बच्चे के दांतों को साफ और कीटाणुओं से दूर रखें। सही तरीके से ब्रश करने, और हेल्दी संतुलित डायट के साथ रोज़ाना ज़रूरी देखभाल कर, आप दांतों की परेशानी को बढ़ने से पहले ही रोक सकते हैं। यह उन परेशानियों से कम दर्दनाक, महंगी और चिंताजनक है जो आगे चल कर और बढ़ जाती हैं।
अपने बच्चे के दांतों को साफ करने या ब्रश करने से दाँतो में लगने वाले बैक्टीरिया को दूर करने में मदद मिलती है।
पहला दांत निकलते ही अपने बच्चे के दांत साफ करना शुरू कर दें।
उम्र | कैसे साफ करें | |
0-3 महीने | अपने बच्चे के मसूड़ों को गीले कपड़े या उंगली से साफ करें | |
3 महीने से 1 साल तक के बच्चों के लिए |
|
|
1 से 2 साल तक के बच्चों के लिए |
|
|
|
बच्चों के लिए एक छोटे मुलायम टूथब्रश पर मटर के दाने जितना फ्लोराइड टूथपेस्ट इस्तेमाल करें |
दांतों और मसूड़ों को दिन में दो बार; सुबह और रात में सोने से पहले ब्रश करें।
बच्चों को अपने दांतों को ब्रश करने के लिए एक बड़े व्यक्ति की ज़रूरत होगी जब तक कि वे इसे खुद अच्छी तरह से करना नहीं सीख जाते। अगर यह एक मज़ेदार एक्टिविटी है और उनकी सामान्य दिनचर्या का हिस्सा है तो रोज़ाना दांत साफ करना छोटे बच्चों की आदत बन जाएगी। बच्चों को व्यस्त रखने के विभिन्न तरीके हैं –
- ब्रश करने के बारे में गाना गायें।
- दूसरों के साथ ब्रश करना (भाई-बहन या माता-पिता या यहां तक कि किसी खिलौने के साथ)
- उनके पसंदीदा जानवर या कार्टून के प्रिंट वाले स्पेशल टूथब्रश का इस्तेमाल करना
बीमारी और दन्त का सड़ना
दन्त तब सड़ते हैं जब मुंह के बैक्टीरिया को दांतों के फसा शुगर खाने को मिलता है। ये बैक्टीरिया इनैमल (दांत की सतह) को नुकसान पहुंचाते हैं, दांतों को कमजोर बनाते हैं और दांतों में छेद कर देते हैं जिन्हें “कैरी” या “केविटी” कहा जाता है।
अगर इनका जल्दी पताचल जाए, तो इस कीड़ा लगने को और दांतों में बढ़ने से रोका जा सकता है। शुरू में कीड़ा लगने से कुछ ज़्यादा दिक्कत नहीं होती है। बाद में, दांत सड़ने पर दांत दर्द और ठंडा और गरम के लिए सेंसिटिविटी हो सकती है।
चटके दांत और दांत सड़ने का खतरा
कई बच्चों के ‘चटके दांत’ होते हैं। दांत शुरूआत में बनते समय अगर इनैमल ठीक से सख्त नहीं होती है तो दांत ‘चटके’ हो सकते हैं। क्योंकि ये दांत कमजोर होते हैं, ऐसे में इन दांतों के सड़ने का खतरा काफी ज्यादा होता है।
कभी-कभी, ये कैल्शियम या विटामिन डी की कमी का संकेत दे सकते हैं। यह आपके पीडियाट्रिक की सलाह के अनुसार, बच्चे के लिए रोज़ विटामिन डी सप्लिमेंट देकर इस स्थिति से बचा जा सकता है।
दांतों की जाँच से दांतों में सड़न के शुरुआती लक्षण दिख सकते हैं
आपको यह सलाह दी जाती है कि जब आपका बच्चा दो साल का हो जाए तो उसके दांतों की जाँच करा लें। बच्चों को साल में एक बार डेन्टिस्ट को दिखाना चाहिए, भले ही उनके दांतों में कोई दिक्कत न हो।
याद रखने योग्य ज़रूरी बातें:
जैसे ही पहला दांत निकलता है तभी से बच्चे के दांतों को ब्रश करना शुरू करें।
सभी बच्चों को दिन में दो बार दांतों को ब्रश करना चाहिए
बच्चों के लिए मुख्य पेय पानी होना चाहिए; रात में मीठा खाने या पीने से बचें।
एक अच्छी ओरल हाइजीन की वजह से बच्चे का मुंह स्वस्थ दिखता है और अच्छी सांसे बनी रहती है।
ये आसान चीजें आपके बच्चे को अच्छे ओरल हाइजीन के लिए जीवन भर के लिए प्रेरित करेंगी।
डॉ. श्रेया शर्मा
द्वारा
डॉ. श्रेया शर्मा चाइल्डकैअर एक्सपर्ट हैं और एम. डी. पीडियाट्रिक्स हैं, अभी वह पीडियाट्रिक एंडोक्रिनोलॉजी, मुंबई में फेलोशिप के साथ पीडियाट्रिक हैं।
This post is also available in: English (अंग्रेज़ी) हिन्दी বাংলা (बंगाली)