This post is also available in: English (अंग्रेज़ी) हिन्दी বাংলা (बंगाली)
(वर्तमान में दी जाने वाली सलाह)
अगर आप अपने नवजात बच्चे को ऐसी दुनिया में लाने के बारे में चिंतित हैं जो एक महामारी की चपेट में है, तो अपनी चिंता को सावधानी में बदलें – डर में नहीं।
नवजात बच्चों को ऐसे माता-पिता की जरूरत होती है जो देखभाल करने वाले और साहसी हों। इसलिए, अपने आप को सही जानकारी और सकारात्मक दृष्टिकोण से लैस करें।
ध्यान में रखने योग्य बातें
- नवजात बच्चा वायरस से संक्रमित न हो
- नवजात को कोई अन्य संक्रमण न हो
- सामाजिक दूरी जैसे व्यवहार के कारण नवजात शिशु के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य से समझौता नहीं करना चाहिए
चुनौतियां क्या हैं?
यह पता लगाने का कोई तरीका नहीं है कि कौन संक्रमित है।
कुछ आश्वस्त करने वाले तथ्य
- अभी तक कोविड -19 पॉजिटिव माताओं के नवजात बच्चे गर्भ में संक्रमित नहीं हुए हैं
- अभी तक – माँ के एमनियोटिक द्रव, गर्भनाल रक्त या ब्रेस्टमिल्क में वायरस के कोई लक्षण नहीं मिले हैं।
बच्चे के जन्म के तुरंत बाद आपको क्या करना चाहिए?
वर्तमान दिशा-निर्देशों के अनुसार आगे बढ़ें-
- त्वचा से त्वचा का संपर्क
- स्तनपान
एक सावधानी जो ज़रूरी बरती जानी चाहिए कि – डिलीवरी रूम में हर किसी की तरह – माँ को भी मास्क पहनना चाहिए।
क्या आपको अपने बच्चे को स्तनपान कराना चाहिए?
हाँ – आपको निम्नलिखित कारणों से स्तनपान कराना चाहिए:
- अभी तक स्तनपान में वायरस का पता नहीं चला है।
- वर्तमान में आम सहमति यह है कि स्तनपान से होने वाले लाभ किसी भी जोखिम से कहीं ज़्यादा हैं।
भले ही आप कोविड-19 पॉजिटिव हों- अगर आप अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करते हैं तो आप स्तनपान करा सकती हैं। इसीलिए अपने डॉक्टर से इस बारे में पूछें।
अगर आप बहुत बीमार हैं तो आपको दूध निकालने के लिए ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल करने की ज़रूरत हो सकती है और बच्चे को दूध पिलाने के लिए किसी और की मदद लें। इस स्थिति में – एक डेडिकेटेड पंप का प्रयोग करें। ऑनलाइन प्रसव-पूर्व कक्षा में स्तनपान को समझें, ताकि एनगॉर्जमेंट (अधिरक्तता) जैसी समस्याओं से बचा जा सके। हर समय अपने पीडीअट्रिशन की सलाह का बहुत सावधानी से पालन करें।
आप अपने बच्चे को कैसे सुरक्षित रख सकती हैं?
3 डब्ल्यू का पालन करें –
- बच्चे को छूने से पहले अपने हाथ धोएं।
- जब आप अपने बच्चे के आस-पास हों तो मास्क पहनें।
- 70% अल्कोहल-आधारित सैनिटाइजर से सभी सतहों को बार-बार साफ़ करें।
उन रिश्तेदारों और अन्य मेहमानों के बारे में क्या करें जो बच्चे को देखना चाहते हैं?
- बच्चे की डिलीवरी के दौरान परिवार का केवल एक सदस्य (आमतौर पर पिता) मौजूद होना चाहिए।
- अस्पताल में और जन्म के बाद पहले 3 महीनों के लिए कोई मेहमान बच्चे के पास नहीं आना चाहिए।
- माता-पिता के अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति के साथ कोई सामाजिक/धार्मिक काम नहीं करना चाहिए।
- माता-पिता को सख्त सामाजिक दूरियों के नियमों का पालन करना चाहिए। यदि आपको संक्रमण हो जाता है तो बच्चा आपसे संक्रमित हो सकता है। रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ वर्चुअली जुड़ें।
बच्चे को अस्पताल से घर ले जाते समय बरती जाने वाली सावधानियां
- अस्पताल से छुट्टी के समय अपने रिश्तेदारों को मदद के लिए न बुलाएं।
- सुबह जल्दी या देर रात को छुट्टी लेना चुने जब अस्पताल में और आसपास बहुत कम लोग होते हैं।
- घर जाते समय कार का एसी न चालू करें। खिड़कियां नीचे रखें।
- सीधे घर जाएँ। किसी भी रिश्तेदार या पड़ोसी को बच्चा दिखाने के लिए न रुकें ।
- जरूरत पढ़ने पर बच्चे को स्तनपान कराते रहें। यह बच्चे को हाइड्रेटेड, पोषित और संक्रमण के प्रति प्रतिरक्षित रखेगा। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि मेहमान आपको एकांतता देने के लिए दूरी बनाए रखेंगे।
- अपने बच्चे को एक अच्छे हवादार कमरे में रखें जिसमें बहुत सारी ताजी हवा और धूप आती हो। एयर कंडीशन के इस्तेमाल से बचें।
टीकाकरण
अपने पीडीअट्रिशन की सलाह के अनुसार अपने बच्चे को सभी ज़रूरी टीके समय से लगवाएँ । जैसे की आप कोरोना वायरस संक्रमण की चिंता करते हैं वैसे ही अपने बच्चे को अन्य घातक बीमारियों से बचाना भी ज़रूरी है।
रोना
अगर आपका बच्चा रोता है तो घबराएं नहीं। इसका मतलब यह नहीं है कि आप एक बुरी मां हैं और इसका मतलब यह भी नहीं है कि आपके बच्चे को पर्याप्त माँ का दूध नहीं मिल रहा है।
जब माता-पिता तनाव में होते हैं तो बच्चे अधिक रोते हैं। शांत हो जाएं, अपने बच्चे की गोदी में पकड़ें और जरुरत पड़ने पर दूध पिलाएँ।
सबसे अच्छे अभ्यासों का पालन करें
- वर्निक्स केसोसा (शिशु की त्वचा पर मौजूद एक सुरक्षात्मक परत) को न निकालें
- अपने बच्चे की आँख या नाक को रुई या किसी दूसरी चीज़ से साफ न करें।
आपको कैसे पता चलेगा कि आपका बच्चा ठीक है
एक एक्टिव बच्चा जो अच्छी तरह से दूध पी रहा है – एक दिन में 6 से 8 बार डायपर गीला कर रहा है और उसका उचित रूप से वजन बढ़ रहा है तब तक वह स्वस्थ है जब तक कि कोई अन्यथा परेशानी साबित न हो तब तक पॉजिटिव रहें।
डॉक्टर की सलाह का पूरी तरह से पालन करें। दोस्तों और परिवार के साथ वर्चुअली जुड़े रहें।
याद रखें कि आप अपनी मुश्किलों से कई ज़्यादा मजबूत हैं।
डॉ. देबमिता दत्ता एमबीबीएस, एमडी
द्वारा
डॉ देबमिता दत्ता एक पेशेवर डॉक्टर, पेरेंटिंग सलाहकार (कंसल्टेंट) और वेबसाइट डब्ल्यूपीए whatparentsask.com की संस्थापक हैं – वह बैंगलोर में स्थित हैं और स्कूलों और कॉर्पोरेट संगठनों में पेरेंटिंग वर्कशॉप आयोजित करती हैं। वह गर्भवती माता-पिताओं के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रसवपूर्व कक्षाएं और हाल में बने माता-पिताओं के लिए शिशु देखभाल की कक्षाएं भी आयोजित करती हैं।
संदर्भ – नैदानिक अभ्यास दिशानिर्देश – प्रसवकालीन – कोविड-19 संक्रमण का नवजात प्रबंधन। वर्.1.0. 26 मार्च 2020। फेडरेशन ऑफ ऑब्स्टेट्रिकल एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया। नेशनल नियोनेटोलॉजी फोरम इंडिया। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स।
This post is also available in: English (अंग्रेज़ी) हिन्दी বাংলা (बंगाली)