बच्चों में सीखने की विशिष्ट अशक्तता(लर्निंग डिसेबिलिटी)

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क्या आपका बच्चा अपनी क्लास में बाकी बच्चों से पीछे हो रहा है या पढाई ठीक से नहीं कर रहा है ? क्या उसे वाक्य बनाने या अपनी किताब पढ़ने में मुश्किल हो रही है?

ये आपके बच्चे में सीखने की विशिष्ट अशक्तता(लर्निंग डिसेबिलिटी) के संकेत हो सकते हैं। बच्चे को धीरे- धीरे या मुश्किल से सीखने पर उसे डांटने के बजाय, माता-पिता को सीखने की विशिष्ट अशक्तता के बारे में जानने और यह समझने की ज़रूरत है कि बच्चा किस परेशानी का सामना कर रहा है जिसे वो अपने माता-पिता या शिक्षकों को भी नहीं समझा पा रहा, क्योंकि बच्चे के लिए भी यह समझना थोड़ा मुश्किल है।

सीखने की विशिष्ट अशक्तता क्या हैं?

सीखने की विशिष्ट अशक्तता ऐसी समस्याएं हैं जिससे बच्चे को सीखने में परेशानी होती है। उदाहरण के लिए, एक बच्चे को पढ़ने, लिखने या गणित के सवाल सीखने में समस्या हो सकती है। सीखने की विशिष्ट अशक्तता का इससे कोई लेना-देना नहीं है कि बच्चा कितना स्मार्ट है।सीखने की विशिष्ट अशक्तता वाले बच्चे अपनी उम्र के बाकी बच्चों की तुलना में उतने ही स्मार्ट या होशियार हो सकते हैं। लेकिन उनकी बुद्धि में अंतर होता है जो उनके लिए जानकारी को सीखने, याद रखने और उसका इस्तेमाल करने को मुश्किल बना देता है।

सीखने की विशिष्ट अशक्तता के लक्षण क्या हैं?

मुख्य लक्षण अन्य बच्चों की तरह सीखने में सक्षम नहीं होना है। उदाहरण के लिए, सीखने की विशिष्ट अशक्तता वाला बच्चा, बाकी बच्चे की तरह जो उसकी ही उम्र या समान क्लास में हैं उनकी तरह पढ़ने, लिखने या गणित करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।

क्या मेरे बच्चे के टेस्ट करवाने की ज़रूरत है?

हां, आपके बच्चे के कई अलग-अलग टेस्ट करवाने की ज़रूरत हो सकती है। निम्नलिखित क्षेत्रों में टेस्ट किसी भी समस्या की जाँच करते हैं:

  • आईक्यू – आईक्यू का मतलब है “बुद्धिलब्धि”। यह टेस्ट देखता है कि कोई व्यक्ति समस्याओं को कितनी अच्छी तरह हल करता है और चीजों को कितना समझता है।
  • नज़र
  • सुनना
  • बोलना
  • मोटर स्किल – इस टेस्ट से पता चलता है कि बच्चा अपनी बड़ी मांसपेशियों (जैसे पैरों और बाहों में) और छोटी मांसपेशियों (जैसे उंगलियों में) का इस्तेमाल कितनी अच्छी तरह कर सकता है।

इन टेस्ट में बच्चे का स्कूल के रिकॉर्ड रिव्यु करने के साथ और यह देखा जाता है कि वह क्लास में कैसे काम करता है। ये टेस्ट अलग-अलग एक्सपर्ट जैसे विशेष शिक्षा शिक्षक,(स्पेशल एजुकेशन टीचर), सामाजिक कार्यकर्ता या मार्गदर्शन सलाहकार कर सकते हैं।

हैं। डॉक्टर आपके बच्चे की स्वास्थ्य या भावनात्मक समस्याओं की जांच भी कर सकते हैं, जैसे चिंता करना या उदास या दुखी महसूस करना। उन क्षेत्रों में समस्याएं होने से इस बात पर असर पड़ सकता है कि बच्चा कितनी अच्छी तरह सीख सकता है।

सीखने की विशिष्ट अशक्तता का इलाज कैसे किया जाता है?

सीखने की विशिष्ट अशक्तता का इलाज “विशेष शिक्षा” के साथ किया जाता है। यह तब होता है जब एक बच्चा विशेष प्रशिक्षण वाले शिक्षक से सीखता है। अशक्तता बच्चों को पढ़ाने के लिए इनके लिए विशेष शिक्षक विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। ये तरीके सीखने की अशक्तता पर निर्भर करते हैं। उदाहरण के लिए चीजों को समझाने के लिए लिखित या बोल कर समझाने के साथ तस्वीर का इस्तेमाल करना इसमे शामिल है। शिक्षक बच्चों को चीजों को याद रखने या उन्हें व्यवस्थित रहने में मदद करने के टिप्स भी दे सकते हैं। सीखने की विशिष्ट अशक्तता वाले बच्चों को सवाल हल करने या परीक्षा देने के लिए अतिरिक्त समय दिया जा सकता है।

सीखने की विशिष्ट अशक्तता के लिए आपके बच्चे का जितनी जल्दी टेस्ट और इलाज शुरू किया जाएगा, वह भविष्य में स्कूल में उतना ही बेहतर करेगा।

क्या मैं अपने बच्चे की मदद करने के लिए कुछ कर सकती हूँ?

हाँ, सबसे ज़रूरी चीज़ जो आप कर सकते हैं, वह यह है कि आप अपने बच्चे के साथ ज़ोर-ज़ोर से पढ़ने में समय बिताएं।

अगर आपके बच्चे को स्कूल में परेशानी होती है, तो इस बात को समझने की कोशिश करें कि परेशानी यह नहीं है कि आपका बच्चा आलसी है। आपके बच्चे बुद्धि अलग है जो उसके लिए पढ़ना, लिखना या गणित के सवाल हल करने को मुश्किल बना देता है। इससे स्कूल के सभी तरह के काम करना मुश्किल हो सकता है। दिमाग के अन्य क्षेत्र सामान्य ढंग से काम करते हैं, ताकि आपका बच्चा म्यूज़िक, डांस, रचनात्मक कला और खेल जैसे अन्य क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन कर सके। उम्मीद है कि सही इलाज, और माता-पिता और शिक्षकों के साथ से, आपका बच्चा इन अंतरों को दूर करना सीख सकता है। कुछ हद तक जागरूकता और माता-पिता की ओर से मदद करने की इच्छा बच्चे को आगे तक ले जाएगी!

डॉ श्रेया शर्मा

द्वारा

डॉ श्रेया शर्मा शिशु पालन एक्सपर्ट और बाल रोग में एमडी हैं, यह वर्तमान में बाल रोग विशेषज्ञ के साथ बाल रोग एंडोक्रिनोलॉजी, मुंबई में फैलोशिप कर रही हैं।

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