नवजात और बच्चों के लिए टीके

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एक नवजात और बच्चे के बड़े होने के वर्षों का एक महत्वपूर्ण अंग कुछ गंभीर या जानलेवा संक्रमणों से बचाव है। टीके इन संक्रमणों को पैदा करने वाले कीटाणुओं से लड़ने के लिए शरीर को तैयार करते हैं।

टीके आमतौर पर शॉट्स के रूप में उपलब्ध होते हैं, लेकिन कुछ मुख संबंधी दवाओं के रूप में आते हैं जिन्हें बच्चे को खिलाया जाता हैं।

मुझे अपने को बच्चे को टीका क्यों लगवाने चाहिए?

टीका लगवाने से आपके बच्चे को बीमार होने से बचाने में मदद मिल सकती है। यदि आपका बच्चा बीमार हो जाता है, तो टीका लगवाने से वह गंभीर रूप से बीमार होने से बच सकता है। साथ ही, टीका लगवाने से आपके बच्चे के आसपास के लोगों को बीमार होने से बचाने में भी मदद मिलती है।

मेरे बच्चे को टीके की कितनी खुराक लगनी चाहिए?

प्रत्येक टीका अलग है। कुछ टीको की सिर्फ 1 खुराक काफी होती हैं। लेकिन अधिकांश को संक्रमण को रोकने के लिए 2 या अधिक खुराक की जरुरत होती है। टीके आमतौर पर काम करना शुरू करने में कुछ सप्ताह का समय ले लेते हैं।

मेरे बच्चे को किस उम्र में टीकों की जरुरत होगी?

ज्यादातर बच्चो को अपने जन्म के समय ही, हेपेटाइटिस बी का टीका, पहली खुराक के रुप लग जाता है । उसके बाद, अधिकांश स्वस्थ बच्चे एक निर्धारित टीकाकरण कार्यक्रम का पालन करते हैं। बच्चों को अलग-अलग समय पर कुछ टीके की खुराक दी जा सकती है, भले ही डॉक्टर एक निर्धारित टीके शेड्यूल का पालन करते रह्ते हैं।

कुछ बच्चे एक अलग टीका अनुसूची के हिसाब से चलते हैं। यदि बच्चे को कुछ चिकित्सीय समस्याएं हैं, तो उसका टीकाकरण एक अलग समय पर हो सकता हैं या उसका टीकाकरण बाकी बच्चो की तरह न हो कर देर से हो और कुछ समय बाद में ऐसा भी हो सकता हैं कि फिर से वह समय पर अपने टीके लगवाना शुरू कर दे, लेकिन फिर खुराक छूट जाती है और समय से पीछे हो जाती है

क्या भारत सरकार द्वारा सभी टीके नि:शुल्क प्रदान किए जाते हैं?

जैसे कुछ अनिवार्य टीके हैं जैसे बीसीजी, डीपीटी, एचआईबी, एमएमआर, हेप बी और पोलियो वैक्सीन, जो सभी बच्चो के लिए मुफ्त उपलब्ध हैं। अन्य टीके, जैसे टाइफाइड, चिकन पॉक्स, हेपेटाइटिस ए, रोटावायरस, न्यूमोकोकस और इन्फ्लुएंजा टीके इच्छानुसार हैं और इसके लिए भुगतान किया जाता है।

टीकों के क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं?

ज्यादातर, टीकों का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। दुष्प्रभाव के कुछ निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:

  • लाली, हल्की सूजन, या दर्द, जहां सुई लगाई गई थी
  • हल्का सा बुखार
  • हल्का लाल चकत्ता
  • सिर में दर्द या शरीर में दर्द

टीके भी कभी-कभी ज्यादा गंभीर दुष्प्रभाव पैदा करते हैं जैसे कि गंभीर एलर्जी प्रतिक्रियाएं। लेकिन ऐसा कभी कभी ही होता हैं।

अपने बच्चे के डॉक्टर से पूछें कि आपके बच्चे को हर बार टीका लगने पर क्या उम्मीद करनी चाहिए। यदि आपके बच्चे को वैक्सीन के बाद कोई प्रतिक्रिया या समस्या होती है, तो तुरंत डॉक्टर को इसके बारे में बताएं।

यदि टीकाकरण के दिन बच्चा बीमार हो तो क्या करें?

यदि आपका बच्चा बीमार है और उसे टीका लगवाना है, तो अपने बाल रोग विशेषज्ञ से पूछे। टीका कौन सा हैं और आपके बच्चे को परेशनी क्या हैं, इन लक्षणों के आधार पर, डॉक्टर आपके बच्चे को टीका लगा भी सकता है या आपके बच्चे के ठीक होने तक इंतज़ार कर सकता है।

क्या मुझे अपने बच्चे के टीकों का ट्रैक रखना चाहिए?

हाँ ! यह महत्वपूर्ण है कि आपके बच्चे को लगने वाले टीकों की सूची रखे, उन्हें कब कब टीके लगने हैं। कई स्कूलों और डे केयर सेंटरों में बच्चे को प्रवेश देने से पहले इस जानकारी की जरुरत होती है। बच्चे का चेक-अप करवाकर आप इस सूची को अप-टू-डेट रख सकते हैं।

अपने बच्चे के लिए प्रतिरक्षण का कार्यक्रम देखें:

उम्र प्रतिरक्षण
जन्म पर बीसीजी, ओपीवी 0, हेप बी 1
6 हफ्ते  डीटीपी 1, आईपीवी 1, हेपबी 2, हिब 1, रोटावायरस 1, पीसीवी 1
10 हफ्ते  डीटीपी 2, आईपीवी 2, हिब 2, रोटाविटस 2, पीसीवी 2
14 हफ्ते  डीटीपी 3, आईपीवी 3, हिब 3, पीसीवी 3
6 महीने ओपीवी 1, हेपबी 3
9 महीने ओपीवी 2, एमएमआर 1
9-12 महीने टाइफाइड संयुग्म टीका
12 महीने हेप-ए 1
15 महीने एमएमआर 2, वैरिकाला 1, पीसीवी बूस्टर
16-18 महीने डीटीपी बूस्टर 1, आईपीवी बूस्टर 1, हिब बूस्टर 1
18 महीने हेप-ए 2
2 साल टाइफाइड बूस्टर
4-6 साल डीटीपी बूस्टर 2, ओपीवी 3, वैरिकाला 2, टाइफाइड बूस्टर
10-12 साल टीडीएपी/ टीडी, एचपीवी

क्या मेरे बच्चे के थोड़े बड़े होने तक टीकों में देरी करने का कोई फायदा होगा?

नहीं! टीकों में देरी करना काफी खतरनाक हो सकता है। डॉक्टरों द्वारा सुझाए गए टीके के कार्यक्रम का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया गया है। किसी भी कीमत पर अपने बच्चे के टीके लगाने में देरी न करें।

उम्मीद है कि यह लेख उपयोगी था। किसी भी तरह की संदेह के लिए नीचे कमेंट करें। अभी के लिए अलविदा!

डॉ श्रेया शर्मा

द्वारा

डॉ श्रेया शर्मा एक चाइल्डकैअर विशेषज्ञ हैं और बाल रोग में एम.डी हैं, वह वर्तमान में बाल रोग विशेषज्ञ हैं और बाल रोग एंडोक्रिनोलॉजी, मुंबई में फैलोशिप के साथ हैं।

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