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मुझसे सलाह लेने वाली कई माताओं को लगता है कि उन्हें केवल गर्भावस्था के दौरान ही अपने खाने में आयरन शामिल करने की ज़रूरत होती है।
उनका मानना है कि क्योंकि बच्चों में किसी भी तरह से खून की कमी नहीं होती है – तो उनमें आयरन की मात्रा कम नहीं हो सकती है।
लेकिन यह एक खतरनाक मिथक है
भारत में किए गए अध्ययनों में यह अनुमान लगाया गया है कि 3 साल से कम उम्र के 74 फीसदी बच्चों में आयरन की कमी पाई जा सकती है।
बच्चों में आयरन की कमी कैसे हो जाती है?
जब बच्चे का जन्म होता है तो उनमें 6 महीने तक पर्याप्त आयरन की मात्रा होती है।
छह महीने के होने पर आपके बच्चे के खाने में आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाना चाहिए।
6 महीने से एक साल की उम्र के बीच बच्चे तेजी से बढ़ते हैं। इस तरह से बढ़ने के लिए शरीर हर दिन ज़्यादा से ज़्यादा कोशिका बनाता है। इनमें से प्रत्येक कोशिका को आयरन की ज़रूरत होती है।
आयरन की कम मात्रा वाला खाना खाने से आयरन की कमी से एनीमिया हो सकता है।
बच्चों के लिए आयरन युक्त खाना क्या हैं?
- हरी पत्तेदार सब्जियों की प्यूरी
बच्चों को अक्सर पालक की प्यूरी दी जाती है और माना जाता है कि यह आयरन से भरपूर होती है। हालांकि, चौलाई, चुकंदर, फूलगोभी, कीरई, सरसों, अजमोद, मूली और शलगम के पत्ते भी बच्चों को दिए जा सकते हैं।
साग को पहले साफ़ किया जा सकता है। बाद में इन्हें मैश करके परोसा जा सकता है। इनको कटलेट मिक्स और पराठे के आटे में भी गुंथा जा सकता है।
2. दालें
चना, लोबिया, चने की दाल, सोयाबीन और मटर में आयरन की अच्छी मात्रा होती है।
बच्चों को दाल का पानी देने से शुरू करके और फिर मैश की हुई दाल खिलानी चाहिए। दाल को सूखा भून कर पाउडर भी बनाया जा सकता है और पाउडर की गई दाल को चावल के साथ मिलाकर घर का बना इंस्टेंट बेबी फ़ूड बनाया जा सकता है।
3. अनाज
चावल की भूसी, गेहूं के बीज, बाजरा(पर्ल बाजरा) और समाई (छोटा बाजरा) आयरन युक्त अनाज हैं।
इन सभी से दलिया या खिचड़ी बनाई जा सकती है
4. मेवे और बीज
गार्डन क्रेस सीड्स (अलिव), नाइज़र सीड्स, जिंजेली सीड्स और सरसों के बीज आयरन से युक्त होते हैं। ऐसे ही खजूर और पिस्ता भी। इन्हें नए तरीकों से आपके बच्चे को खाने में दिया जा सकता है।
मैंने पहले अलिव सत्तू पराठे की रेसिपी शेयर की हुई है।
अलिव से लड्डू या चिक्की भी बनाया जा सकती है।
आयरन एक ज़रूरी पोषक तत्व है, और इसकी कमी से शारीरिक और संज्ञानात्मक विकास रुक सकता है। अगर आपके बच्चे में आयरन की कमी है, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें और कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट्स लें। शरीर में आयरन के लेवल को बनाए रखने के लिए अपने बच्चे को आयरन युक्त खाना खिलाएं।
डॉ देबमिता दत्ता एमबीबीएस, एमडी
द्वारा
डॉ. देबमिता दत्ता एमबीबीएस, एमडी एक व्यावसायिक डॉक्टर हैं, पेरेंटिंग कंसल्टेंट हैं, और डब्ल्यूपीए whatparentsask.com की संस्थापक हैं, वह स्कूलों और कॉर्पोरेट संगठनों के लिए बच्चों के पालन-पोषण पर ऑनलाइन और ऑफलाइन वर्कशॉप आयोजित करती हैं। वह ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रसवपूर्व और शिशु देखभाल के लिए कक्षाएं भी संचालित करती हैं। वह पालन-पोषण में एक प्रसिद्ध विचार-नेता की विशेषज्ञ हैं। उनकी किताबें जगरनॉट बुक्स द्वारा प्रकाशित की गई हैं और पालन-पोषण के प्रति उनके सहानुभूतिपूर्ण और करुणामय दृष्टिकोण और पालन-पोषण के लिए शरीरक्रिया विज्ञान और मस्तिष्क विज्ञान के उनके अनुप्रयोग के लिए उन्हें अक्सर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशनों में उद्धृत किया जाता है।
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