स्तनपान के ज़रिए एनर्जी ट्रांसफर – इन पलों का आनंद लें।

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स्तनपान आपके बच्चे को दूध पिलाने से कहीं ज़्यादा है। स्तनपान आपके और आपके बच्चे के बीच एक करीब बातचीत का ज़रिया है।

बातचीत हर रिश्ते का आधार होता है। हम जब भी बात करते हैं, तो इससे दो लोगों के बीच एनर्जी ट्रांसफर होती है।

बच्चे खुले, और असुरक्षित पैदा होते हैं। स्तनपान के ज़रिए बच्चों को अपने शारीरिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक विकास के लिए एनर्जी मिलती है। इस एनर्जी से वे उस दुनिया के बारे में सीखते हैं जिसमें वे अब रहते हैं।

स्तनपान माँ और बच्चे के बीच बातचीत का जरिया है, रिश्ते के मजबूत बनाने का एक साधन और अपनी खुद की एनर्जी से मेल खाने के लिए अपने बच्चे के एनर्जी स्तर को बढ़ाने और ठीक करने का एक अवसर है।

मानव के बीच एनर्जी कैसे ट्रांसफर होती है?

मनुष्य अपने आस-पास के लोगों को तीन तरीकों से एनर्जी ट्रांसफर करता हैः

  1. उनके नज़दीक होने से :

क्या आपने कभी देखा है कि जब कोई आपके पास चेहरे पर मुस्कान लेकर आपकी तरफ दौड़ता हुआ चला आता है, तो आप उसे कैसे उत्सुक सी मुस्कान के साथ कैसे दिखते हैं?

लेकिन अगर हम अपनी आंखें बंद कर लें तो हम इस एनर्जी को नजरअंदाज करना चुन सकते हैं।

  1. बात करने के ज़रिए

क्या आपने ये बात महसूस की है कि आप सामने वाले के फोन उठाने और “हैलो” कहते ही कैसे पहचान सकते हैं कि वो व्यक्ति बीमार है?

लेकिन हम इस एनर्जी को अनदेखा सकते हैं क्योंकि कुछ भी समझने के लिए बातचीत का जरिया हमेशा खुला होता है।

  1. स्पर्श के ज़रिए

क्या आपने इस बात पर ध्यान दिया है कि आपकी माँ / पिता / शिक्षक से सिर पर सिर्फ हाथ फेरने से आप कैसे शांत हो जाते हो?

? इस एनर्जी को नजरअंदाज करना मुश्किल है क्योंकि यह आपके शरीर में पहले ही प्रवेश कर चुकी है।

जब आप बच्चे को स्तनपान कराते हैं, तो आपकी

क्या आपने इस बात पर ध्यान दिया है कि आपकी माँ / पिता / शिक्षक से सिर पर सिर्फ हाथ फेरने से आप कैसे शांत हो जाते हो? इस एनर्जी को नजरअंदाज करना मुश्किल है क्योंकि यह आपके शरीर में पहले ही प्रवेश कर चुकी है। जब आप बच्चे को स्तनपान कराते हैं, तो आपकी एनर्जी आपके बच्चे तक कैसे ट्रांसफर होती है?

  1. जब आप स्तनपान कराते हैं, तो आपकी त्वचा बच्चे की त्वचा के संपर्क में आती है इससे बच्चे तक एनर्जी ट्रांसफर होती है।
  2. आपके शरीर के सबसे नाज़ुक भाग यानी आपके निप्पल और बच्चे का सबसे नाज़ुक भाग यानी जीभ जब आपस में संपर्क में आते हैं तो एनर्जी ट्रांसफर होती है।
  3. एक दूसरे को देखने और बात करने से एनर्जी ट्रांसफर होती है।
  4. जब दूध आपके शरीर से आपके बच्चे के शरीर में जाता है तो ऐसे भी एनर्जी ट्रांसफर होती है।

आप, अपने दूध से बच्चे को किस तरह की एनर्जी / जानकारी भेज रहीं हैं?

  1. पोषण से भरी एनर्जी – दूध में मौजूद तत्व आपके बच्चे को बढ़ने में मदद करते हैं।
  2. भावनात्मक एनर्जी – करीबी संपर्क और माँ का दूध पीने से, आप अपने बच्चे को यह बताते हैं कि आप उसकी साड़ी ज़रूरी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उसके पास हैं।
  3. सांस्कृतिक एनर्जी – आपके दूध के स्वाद से आपके बच्चा को आपकी संस्कृति के बारे में पता चलता है, क्योंकि आपके दूध में आपके द्वारा खाए जाने वाले खाने का स्वाद होता है।
  4. दिन और रात के समय अलग-अलग एनर्जी – रात के समय स्तन दूध बदल जाता है। और रात के समय दूध में मौजूद पदार्थ, बच्चों को दिन और रात के बारे में सिखाते हैं। इससे उनके बॉडी क्लॉक में सुधार होगा।
  5. आध्यात्मिक एनर्जी – बच्चे के आस-पास रहने से आप अपने शांत और खुश व्यक्तित्व को अपने बच्चे तक भेजते हो।
  6. इम्यूनोलॉजिकल एनर्जी : स्तनपान करते समय, आपका बच्चा अपने स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी आपके मस्तिष्क तक भेजते हैं और इसी से आपके दूध बनने की प्रक्रिया में बदलाव होता है और आपका दूध बच्चे को ठीक करने के लिए विभिन्न इम्यूनोग्लोबुलिन से भर जाता है।

अपने बच्चे के लिए इस एनर्जी ट्रांसफर को कैसे संजो कर रखें?

  1. अपने बच्चे को ज्यादा से ज्यादा गोद में उठा कर खिलाएं।
  2. जब आप बच्चे को खाना खिलते हैं तो उसकी आंखों में देखें और प्यार भरी बात करें। जब आप अपने बच्चे को प्यार करते हैं, तो आप अपने बच्चे के साथ अपना सबसे अच्छा समय शेयर करते हैं।
  3. किसी भी नेगेटिव एनर्जी को पॉजिटिव में बदलने के लिए, बच्चे को खाना खिलने से पहले कुछ पॉजिटिव बातें दोहराएं जिससे आप पॉजिटिव एनर्जी बनाए रख सकते हैं।
  4. नेगेटिव एनर्जी को पॉजिटिव एनर्जी में बदलने के लिए दिन में एक बार ध्यान लगाने की कोशिश करें।
  5. स्वस्थ रहने के लिए हेल्दी फूड खाएं। बीमार शरीर में नेगेटिव एनर्जी बनी रहती है।
  6. मालिश करवाएं। मालिश करवाने से आपके अंदर पॉजिटिव एनर्जी आएगी जिसे आप आगे बच्चे को पहुंचाएंगी।

स्तनपान आसान नहीं है, लेकिन यह हमेशा के लिए भी नहीं है।

अपने बच्चे के साथ संबंध अच्छे बनाने के लिए इन सुनहरे पालों को जाने ना दें!

डॉ. देबमिता दत्ता, एमबीबीएस, एमडी

द्वारा

डॉ. देबमिता दत्ता एक प्रैक्टिसिंग डॉक्टर, पेरेंटिंग कंसल्टेंट, और वेबसाइट डब्ल्यूपीए whatparentsask.com की संस्थापक हैं; वह बैंगलोर में स्थित हैं और स्कूलों एवं कॉर्पोरेट संगठनों में पेरेंटिंग वर्कशॉप आयोजित करती हैं।

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