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आजकल की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में कुछ महिलाएं ऐसी भी हो सकती हैं जो स्तनपान को बोझ समझती हैं। दूसरी ओर, मुझे लगता है कि यह एक वरदान है और मातृत्व के सबसे यादगार अनुभवों में से एक है।
पहली बार बनी माँ को शुरुआती दिनों में स्तनपान कराना मुश्किल लग सकता है। लेकिन मैं हमेशा नई माताओं को यह याद रखने की सलाह देती हूं कि वो और उनका बच्चा दोनों ही इस बारे में ज़्यादा कुछ नहीं जानते हैं, कोई भी दूसरे से ज्यादा अनुभवी नहीं है। डिलिवरी के बाद हार्मोनल परिवर्तन भी माताओं को बहुत चिंतित और परेशान करते हैं। जिन माताओं ने डिलिवरी से पहले क्लास में स्तनपान की तकनीक सीखी है, वे आसानी से शुरुआती बाधाओं को पार कर सकती हैं।
आमतौर पर यह माना जाता है कि स्तनपान केवल बच्चे के लाभ के लिए होता है, लेकिन सच्चाई यह है कि स्तनपान माताओं के लिए उतना ही फ़ायदेमंद है, जितना कुछ और नहीं!
माताओं के लिए फायदे:
-जब शिशु माँ का दूध पीते हैं तो इस क्रिया से ऑक्सीटोसिन हार्मोन निकलता है। यह डिलिवरी के बाद रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करता है और एनीमिया की शुरुआत को भी रोकता है। इसके अलावा ऑक्सीटोसिन बढ़े हुए यूटेरस को अपने मूल आकार, आकृति और स्थिति में वापस लाने का कारण बनता है। इस प्रक्रिया को इन्वोल्यूशन ऑफ यूटेरस कहा जाता है।
– स्तनपान कराने से माताएं जल्दी अपना वजन कम कर पाती हैं, क्योंकि स्तनपान के दौरान कैलोरी कम होती हैं। इसलिए स्तनपान कराने वाली माताओं को वजन घटाने के लिए किसी भी विशेष डाइट की ज़रूरत नहीं होती है।
– केवल स्तनपान कराने से ऑस्टियोपोरोसिस की परेशानी शुरू होने में देरी होती है।
– स्तनपान कराने से प्रोलकैटिन हार्मोन निकलता है। इससे माँ को शांत रहने और दुःख से बाहर निकलने में मदद मिलती है। हार्मोन, माँ को बेबी ब्लूज़(उदासी की भावना) से उबरने में भी मदद करता है।
– स्तनपान स्तन, डिम्बग्रंथि और गर्भाशय के कैंसर से कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान करने में मदद करता है।
बच्चे के लिए फायदे:
— स्तनपान कराने से बच्चों को उनकी माताओं के साथ संबंध अच्छा बनता है। जब बच्चे को दूध पिलाने के लिए माँ का स्तन रखा जाता है, तो बच्चे के लिए माँ के चेहरे को ध्यान से देखना और इससे उनके बीच गहरी पहचान बन जाती है।
— स्तनपान करने वाले बच्चे ज़्यादा संतुष्ट, खुश और मुस्कुराते रहते हैं। स्तनपान के दौरान इतने पास होने से, बच्चा माँ के दिल की धड़कन सुन सकता है, जिससे वह नए वातावरण में सुरक्षित महसूस करता है।
— स्तनपान करने वाले बच्चे ज़्यादा बुद्धिमान होते हैं क्योंकि पहले 4 महीनों के दौरान, माँ के दूध में मौजूद प्रोटीन सीधा बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए काम करता है।
— माँ का दूध बच्चे को ज़रूरी इम्यूनिटी प्रदान करता है, क्योंकि नवजात शिशुओं में इम्यून सिस्टम 6 सप्ताह की आयु तक काम नहीं करता है।
— माँ का दूध बच्चे के लिए सबसे अच्छा खाना है, क्योंकि माँ के दूध में मौजूद पोषक तत्व बच्चे की जरूरतों के अनुसार समय-समय पर बदलते रहते हैं।
— माँ का दूध बच्चे के लिए सबसे सुविधाजनक खाना होता है। जिसके लिए किसी तैयार या पैकिंग की ज़रूरत नहीं है। यह दूध बच्चे के लिए हर समय, सही तापमान पर, सही मात्रा में उपलब्ध होता है। इसके अलावा, आजकल मार्किट में स्मार्ट नर्सिंग कवर भी उपलब्ध हैं, जिसकी मदद से माँ सार्वजनिक स्थानों पर भी अपने बच्चों को आसानी से दूध पिला सकती हैं।
— इस प्रकार, माताओं को स्तनपान कराने के कई कारण हैं और ऐसा नहीं करने का एक भी कारण नहीं है। बस तकनीकों को ठीक से सीखें और लाखों सफल,– इस प्रकार, माताओं को स्तनपान कराने के कई कारण होते हैं और न करने का एक भी कारण नहीं होता है। बस तकनीकों को ठीक से सीखें और लाखों सफल, मुस्कुराती हुई स्तनपान कराने वाली माताओं से जुड़ें मुस्कुराते हुए स्तनपान कराने वाली माताओं में शामिल हों।
— शुभकामनाएं!!!
खुशहाल बच्चे > खुशहाल माताएं।
डॉ. रीता शाह
द्वारा
डॉ रीता शाह एक लैक्टेशन एक्सपर्ट और अमेरिका से प्रशिक्षित क्वालिफाइड लैमेज कंसल्टेंट हैं। वह गर्भवती माताओं के लिए एक फिटनेस कार्यक्रम ‘डॉ रीता शाह – नौ महीनेः लैमेज’ की निदेशक भी हैं।
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