गर्भावस्था में कमर दर्द

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अगर मैं आपसे एक गर्भवती महिला के बारे में सोचने के लिए कहूं, तो आपको एक ऐसी महिला का ख्याल आएगा जिसे चलने में कठिनाई हो रही है, जो चलते समय अपने एक हाथ से अपनी कमर को सहारा दे रही है।

ऐसा विज़न इसलिए सामने आता है क्योंकि लगभग हर गर्भवती महिला को कुछ हद तक कमर दर्द होता है और वह धीरे-धीरे और मुश्किल से आगे बढ़ने के लिए मजबूर होती हैं।

गर्भावस्था में कमर दर्द न सिर्फ दर्दनाक और आपको बेचैन करता है, बल्कि यह बहुत डरावना भी हो सकता है, क्योंकि ये दर्द आपके बढ़ते बच्चे के बहुत करीब होता है।

अगर आप नहीं जानते कि दर्द का कारण क्या है, तो यह घबराहट पैदा कर सकता है।

इस आर्टिकल में मैं बात करूंगी कि कमर दर्द का क्या कारण है और आप इसके लिए क्या कर सकती हैं।

गर्भावस्था में कमर दर्द का कारण क्या है? 

  • वजन बढ़ने के कारण आपकी पीठ पर ज़्यादा भार पड़ता है।
  • बच्चे के वज़न द्वारा आपकी रीढ़ की हड्डी की नसों पर पड़ता दबाव 
  • आपके बदलते गुरुत्वाकर्षण केंद्र को सहारा देने के लिए आपकी मुद्रा में बदलाव। आपके बढ़ते बच्चे का वजन आपके गुरुत्वाकर्षण केंद्र को आपके शरीर के बाहर की ओर धकेल देता है। इसके कारण गिरने का डर बना रहता है, इसे रोकने के लिए आप अपनी कमर को झुकाते हैं जिससे आपकी मांसपेशियों पर तनाव आता है और यह सब कमर दर्द का कारण बनता है।
  • हॉर्मोन के प्रभाव

बच्चे के लिए जगह बनाने और जन्म देने के लिए रिलैक्सिन नामक एक हार्मोन आपके श्रोणि में स्नायु(लिगामेंट्स) को आराम देता है। यह आपके श्रोणि को अस्थिर करता है और अपने आपको स्थिर करने के लिए आप लगातार अपनी पीठ की मांसपेशियों को सिकोड़ते हैं जिससे कमर दर्द होता है।

  • पेट-संबंधी मासपेशियों का अलग होना।

जैसे जैसे आपका बच्चा बड़ा होता है वैसे वैसे आपकी पेट-संबंधी मासपेशियां पतली और अलग होने लगती हैं। यह रीढ़ को बिना किसी सहारे के छोड़ देती हैं। आपकी कमर की मासपेशियां सिकुड़ती है जिसके कारण आपको कमर दर्द होता है।

  • तनाव

गर्भवस्था के तनाव के कारण आपकी सारी मासपेशियां तनाव में आ जाती हैं और इसके कारण कमर दर्द होता है

गर्भवस्था के दौरान कमर दर्द को कम करने के लिए आप क्या कर सकती हैं?

कमर दर्द को पूरी तरह से खत्म करना मुश्किल है, लेकिन इसे कम करने के लिए आप यह सब कुछ कर सकती हैं

  • अपना पोस्चर सही करें

शीशे में खुद को रोज़ देखें और अपना पोस्चर सही करें, झुके हुए कंधो को सीधा करें और झुकी हुई कमर को भी सीधा करें

  • ज़्यादा देर तक खड़े होने से बचें।
  • एक बारी में 10 मिनट से ज़्यादा चलने से बचें।
  • एक ऐसी कुर्सी का प्रयोग करें जिसमें, हाथ और कमर को आराम देने के लिए सहारा हो। हो सके तो इसका फुटरेस्ट(पैरों के आराम के लिए) के साथ इस्तेमाल करें।
  • एक ही अवस्था में ज़्यादा देर तक न बैठें। हर आधे घंटे में थोड़ा सा घूम लें।
  • बिना हील्स वाले और आरामदायक जूते पहनें।
  • ज़्यादा वज़न उठाने से बचें। यदि आपको ज़्यादा वज़न उठाना पड़ता है तो, पहले अपने पैरों को चौड़ा करें, अपने घुटनों को मोड़ें और वज़न को अपनी कमर से दूर रखें।
  • कुछ प्रसवपूर्व व्यायाम करने का प्रयास करें। कैट और कैमल स्ट्रेच आराम के लिए बहुत लाभदायक हो सकते हैं।
  • अपना तनाव कम करके का और आराम करने का प्रयास करें।
  • अपनी बाईं ओर लेट जाएं और लेटने के बाद उठते समय अपने हाथ से अपने आप को सहारा दें।

कमर दर्द के लिए डॉक्टर से कब संपर्क करें?

  • जब पीठ दर्द इतना ज़्यादा हो जाए कि दवाई लेने की ज़रूरत पड़े। 
  • आपको लगातार 2 हफ्ते से ज़्यादा से कमर दर्द हो रहा है।
  • दर्द, मरोड़(क्रैम्प) की तरह महसूस हो रहा है जिसकी तीव्रता बढ़ती ही जा रही है। 

गर्भावस्था के दौरान कमर दर्द होगा ही लेकिन आप एक अच्छा जीने का तरीका अपना कर अपने जीवन पर इसका असर कम कर सकती हैं।

डॉ. देबमिता दत्ता एमबीबीएस, एमडी

द्वारा

डॉ. देबमिता दत्ता एमबीबीएस, एमडी एक व्यावसायिक डॉक्टर हैं, एक पेरेंटिंग कंसल्टेंट हैं, और डब्ल्यूपीए whatparentsask.com की संस्थापक हैं, वह स्कूलों और कॉर्पोरेट संगठनों के लिए बच्चों के पालन-पोषण पर ऑनलाइन और ऑफलाइन वर्कशॉप आयोजित करती हैं। वह ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रसवपूर्व और शिशु देखभाल के लिए कक्षाएं भी संचालित करती हैं। वह पालन-पोषण में एक प्रसिद्ध विचार-नेता और खेल, सीखने और खाने की आदतों की विशेषज्ञ हैं। वह जगरनॉट बुक्स द्वारा प्रकाशित पालन-पोषण पर 7 पुस्तकों की लेखिका हैं और उनकी पुस्तकें उनकी सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली पुस्तकों में से हैं। पालन-पोषण के प्रति उनके सहानुभूतिपूर्ण और करुणामय दृष्टिकोण और पालन-पोषण के लिए शरीरक्रिया विज्ञान और मस्तिष्क विज्ञान के उनके अनुप्रयोग के लिए उन्हें अक्सर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशनों में उद्धृत किया जाता है।

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