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शोनाली सबेरवाल – मैक्रोबायोटिक न्यूट्रीशनिस्ट | शेफ |औथर | फ़र्मेंटेशन कोच
वह एक सेलिब्रिटी डायटीशियन और एक मैक्रोबायोटिक हेल्थ शेफ हैं। उनकी वेबसाइट http://soulfoodshonali.com/about/ – एक मैक्रोबायोटिक डायट लाइफस्टाइल के बारे में बात करती है जिसमें मानव शरीर को ठीक करने के लिए डायट को समग्र प्रस्ताव की तरह शामिल किया गया है। इस नए लाइफस्टाइल के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए उन्होंने तीन किताबें लिखी हैं- द ब्यूटी डायट, द डिटोक्स डायट, और द लव डायट। एक जाने-माने काउंसलर के रूप में वह भारतीय के साथ-साथ विदेश के क्लाइन्ट को भी हेल्थ और लाइफस्टाइल के बारे में बताती हैं वे खुद के अपनाए गए अलग तरीकें उन्हें स्किल करती हैं।
8-12 महीनों के बीच के बच्चे की न्यूट्रीशियन संबंधी जरूरतें हम बड़ों से ज़्यादा ज़रूरी हैं। इस दौरान वे जो विटामिन, मिनरल और एनर्जी लेते हैं, वे उनके शारीरिक वृद्धि और मानसिक विकास में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। 8-12 महीने के बच्चे के डायट प्लान करते समय उसमें अत्यधिक पौष्टिक आहार को शामिल करना असल में ज़रूरी है।
यही उम्र बढ़ने की है; इसलिए आप दूध (माँ का दूध या फार्मूला) जो आप आपको बच्चे को दे रहे हैं उसके अलावा दूसरे फ़ूड को भी शामिल करना चाहिए। ये न्यूट्रीशियन फूड जो इस समय आपके बच्चे के विकास के लिए ज़रूरी हैं –
विटामिन ए – अच्छे स्रोतों में शामिल हैं आलू ,गाजर, रंगीन सब्जियां (क्योंकि उनमें कैरोटीन होते हैं जो विटामिन ए में बदल जाएंगे) और पत्तेदार हरी सब्जियाँ में क्लोरोफिल मजूद होने से इससे खून में हीमोग्लोबिन बढ़ता है।
विटामिन सी- इससे बच्चे की इम्यूनिटी बनी रहती है। विटामिन सी खट्टे फल, कीवी, पपीता, स्ट्रॉबेरी, लीची, साग और शकरकंद में पाया जाता है।
ओमेगा 3 – यह चिया, फ़्लेक्स, नट्स (ख़ासकर अखरोट), बीज और ऑइली फिश में पाया जाता है।
विटामिन डी – अच्छे स्रोतों में साबुत अनाज जैसे बाजरा और ब्राउन राइस, हरी सब्जियां और दूध शामिल हैं।
जिंक- कद्दू, तिल के बीज, राजगीर आटे की रोटी, छोले, पालक और दही में जिंक की मात्रा होती हैं।
साबुत अनाज और सब्जियों का मिश्रण एक ‘प्रचुर पोषक तत्व’ आहार बनाता है। आप ये बना कर देख सकते हैंः बाजरा और ब्राउन राइस, सब्जियां, फल और चिकन सूप।
ऊपर बताई गई खाने की लिस्ट आपके बच्चे को खुश और शांत कर देगा; इससे आपके बच्चे का इम्यून सिस्टम स्वस्थ रहेगा, जो आपके बच्चे को बीमारियों और एलर्जी से बचाएगा। ये फूड फाइबर से भरपूर होते हैं; वे आपके बच्चे के पाचन को मजबूत करेंगे और आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाएँगे। वे ब्लड को संतुलित रखेंगे और सर्कुलेशन को बढ़ाएंगे। ये मजबूत दांत और हड्डियां बनाने में भी मदद करेंगे। अनाज और सब्जियों का एक साथ इस्तेमाल करके, बच्चे के दिमाग की वृद्धि के लिए सबसे अच्छा फूड बनाता है, और इन्हे मिलकर खाने से बच्चे की एकाग्रता और ध्यान को बढ़ाने में मदद करता है।
अपने बच्चे के लिए खाने के लिए ऊपर बताए गए फूड ग्रुप पर ध्यान दें और बच्चे के नाश्ते के समय वही बताए गए फूड को शामिल करें, उन स्नैक्स के साथ जिसे चबाया जा सकता है। पेय पदार्थों को शामिल न करें, क्योंकि इसमें ज़्यादा पोषक नहीं होता है सिर्फ चीनी और एडिटिव्स से भरे होते हैं। इन फूड को लिक्विड फॉर्मेट में लेने की बजाय इन्हे खाना ज्यादा बेहतर होता है।
सामग्री
- 2-3 बड़े चम्मच पकी हुई सब्जियां, और साबुत अनाज
- 2 कप पका हुआ अनाज (जैसे ब्राउन राइस रात भर भिगोकर अगले दिन पका कर और मैश करके देना एक बढ़िया ऑप्शन है)
- 4-5 बड़े चम्मच चबाने में सॉफ्ट फल
- 2 बड़े चम्मच चीज़ या दही
- ½ अंडा
हेल्थ के लिए कुछ टिप्स –
चिया, फ़्लेक्स सीड (अल्सी), फूलगोभी, ब्रोकोली, मछली और अखरोट सहित ज़रूरी फैटी एसिड (ईएफए) की आपूर्ति में मदद करेगा जो बच्चे को ओमेगा 3 की तरह चाहिए। यह ज़रूरी है क्योंकि शिशु का शरीर इन ज़रूरी फैटी एसिड को अपने आप नहीं बनाते हैं।
साबुत अनाज में फाइबर की ज़्यादा मात्रा बढ़ाना जैसे सफेद चावल के साथ ब्राउन राइस मिलाने और इसमें फूलगोभी, शकरकंद, लाल कद्दू, और फलियां जैसी रेशेदार सब्जियां मिलाने से आपके बच्चे की आंत को अच्छे बैक्टीरिया मिलेंगे। इससे आपके बच्चे का अंदरूनी ईकोसिस्टम तंत्र स्वस्थ बना रहेगा।
पहले दिन के लिए यहाँ एक सेंपल फ़ूडमील बताई गई है
© शोनाली सभरवाल हेल्दी लाइफस्टाइल ऑप्शंस प्राइवेट लिमिटेड लिमिटेड। सर्वाधिकार सुरक्षित। www.soulfoodshonali.com
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