पर्याप्त दूध उत्पादन सुनिश्चित करें। पंपिंग की कोशिश करें।

0
408

This post is also available in: English (अंग्रेज़ी) हिन्दी বাংলা (बंगाली)

आपके बच्चे के लिए आहार का एकमात्र स्रोत बनना आसान नहीं है। आपको पर्याप्त दूध बनाने की ज़रूरत होती है और आपके बच्चे की ज़रूरत के अनुसार इसे बनाने की ज़रूरत होती है।

इस तनावपूर्ण स्थिति से निकलने के लिए कई नई माताओं ने पंपिंग की ओर रुख किया।

हालांकि, हर चीज की तरह पंपिंग भी एक कला है और पंपिंग में सफल होने के लिए आपको जानकारी, स्किल और इसका अभ्यास की ज़रूरत होती है। और यही कारण है कि अक्सर नई माताओं को वो परिणामों नहीं मिलते जिनकी वे पंपिंग से उम्मीद कर रही थी। यह और भी ज़्यादा तनाव बढ़ा सकता है।

इस लेख में, मैं कुछ सवालों के जवाब दूंगा जो मुझे यकीन है कि आपको अधिक कुशलता से पंप करने और अपने तनाव को काफी हद तक दूर करने में मदद करेगा।

कितना दूध पर्याप्त है?

कितना दूध पर्याप्त है? इससे पहले कि आप पर्याप्त दूध न होने के लिए खुद को कोसना शुरू करें या अपने ब्रेस्ट पंप में कोई दोष निकालें – इन सब से पहले जानें कि आपके बच्चे के लिए कितना दूध पर्याप्त है।

कभी भी पंप करके जमा किए माँ के दूध की मात्रा की तुलना उसी उम्र के बच्चे द्वारा पीने वाले फार्मूला दूध की मात्रा से न करें। पहले 30 दिनों के बाद, आपके दूध की मात्रा बढ़ना बंद हो जाएगी।

ऐसा इसलिए है क्योंकि आपके बच्चे के बढ़ने के साथ-साथ माँ के दूध की संरचना और कैलोरी में बदलाव होता है। असल में, आपके बच्चे के बड़े होने पर उसे ज़्यादा मात्रा में माँ के दूध की ज़रूरत नहीं होगी। आपका शरीर जितना दूध बना रहा है उतनी मात्रा ही बच्चे को सभी ज़रूरी पोषक तत्व प्रदान करेंगे।

अगर आपका बच्चा एक्टिव है, वजन बढ़ा रहा है और सामान्य रूप से मूत्र और मल त्याग रहा है, तो इस बात की चिंता करना बंद कर दें कि आप कितना दूध पंप कर रहे हैं और आराम करें।

पंप करते समय पर्याप्त दूध कैसे प्राप्त करें?

  1. सुबह-सुबह पंप करें – इस समय महिलाओं का सबसे ज्यादा दूध बनता है।
  2. छोटी अवधि के लिए बार-बार पंप करें – उत्तेजन से उत्पादन बढ़ता है।
  3. बच्चे को गले लगाकर रखने का अभ्यास करें – अपने बच्चे को पास रखने से आपके ब्रेस्ट ज़्यादा दूध बनाने के लिए प्रेरित होती हैं।
  4. दूध को निप्पल तक लाने से पहले अपनी ब्रेस्ट की मालिश करें और पंपिंग के दौरान दबाएँ
  5. सुनिश्चित करें कि ब्रेस्टपंप का फ्लैंज आपके निप्पल पर अच्छे से फिट बैठता हो- ब्रेस्ट को पूरी तरह से खाली करने के लिए एक अच्छा सक्शन ज़रूरी है।
  6. प्रोलैक्टिन बढ़ाने के लिए दोनों ब्रेस्ट को एक साथ पंप करें – इससे ब्रैस्ट से ज़्यादा दूध बनेगा।

  1. सक्शन को बहुत ज़्यादा न बढ़ाएं – बहुत ज़्यादा सक्शन से दूध कम बनता जाता है।
  2. अपने बच्चे को सीधे दूध पिलाते समय पंप करें – जब आपके बच्चे की दूध पीला रही हों तो दूसरे ब्रेस्ट को पंप करें, आपके बच्चे द्वारा शुरू किए गए लेट-डाउन रिफ्लेक्स का लाभ उठाने में आपको मदद मिलेगी।
  3. आराम करें – थोड़ी देर की नींद भी दूध बनाने की क्षमता को बढ़ाती है।

  1. पौष्टिक भोजन खाएं और पर्याप्त पानी पिएं ताकि आपके शरीर के पास दूध बनाने के लिए आवश्यक संसाधन हों।

आपका शरीर जितना दूध बनाता है वो मात्रा दूसरी माँ के समान क्यों नहीं है?

  1. एक सेशन में जितना दूध पंप किया जा सकता है यह ब्रेस्ट में जमा दूध की मात्रा पर निर्भर करता है। अगर किसी अन्य माँ के स्तन में भंडारण कोशिकाएँ(स्टोरेज सेल) ज़्यादा हैं, तो वह एक ही सेशन में आपकी तुलना में ज़्यादा दूध पंप करने में सक्षम होगी। अगर आपके ब्रेस्ट में भंडारण कोशिकाएँ(स्टोरेज सेल) कम हैं, तो आपके ब्रेस्ट लगातार दूध बनाएंगे क्योंकि इससे लगातर पंप करके दूध निकाला जाता है। यह प्रक्रिया आपके लिए धीमी होगी और दूध की उतनी ही मात्रा एकत्र करने के लिए आपको उससे ज़्यादा सेशन्स की आवश्यकता होगी।
  2. अगर आप बच्चे को अपना दूध पिलाती हैं – तो आपको केवल एक फ़ीड के लिए पर्याप्त दूध जमा करने के लिए कई पंपिंग सेशन का समय लगेगा। आपको अपनी तुलना उन माँ से करके निराश नहीं होना चाहिए जो नियमित रूप से पंप करती है और काम पर जाते समय अपने बच्चे के लिए दूध की बोतलें रख कर जाती हैं।

ब्रेस्ट पंप

एक बेहतरीन उपकरण है जो आपको लंबे समय तक दूध पिलाने में मदद कर सकता है। इसे प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करना सीखना ज़रूरी है।

क्या आपके पास हमारी एक्सपर्ट डॉ देबमिता दत्ता से पूछने के लिए कोई सवाल हैं? तो कृपया अपने सवाल कमैंट्स में शेयर करें! हमारे एक्सपर्ट निश्चित रूप से आपकी सभी शंकाओं को दूर करेंगी।

डॉ. देबमिता दत्ता एमबीबीएस, एमडी

द्वारा

डॉ देबमिता दत्ता एक पेशेवर डॉक्टर, पेरेंटिंग सलाहकार (कंसल्टेंट) और वेबसाइट डब्ल्यूपीए whatparentsask.com की संस्थापक हैं – वह बैंगलोर में स्थित हैं और स्कूलों और कॉर्पोरेट संगठनों में पेरेंटिंग वर्कशॉप आयोजित करती हैं। वह गर्भवती माता-पिताओं के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रसवपूर्व कक्षाएं और हाल में बने माता-पिताओं के लिए शिशु देखभाल की कक्षाएं भी आयोजित करती हैं।

This post is also available in: English (अंग्रेज़ी) हिन्दी বাংলা (बंगाली)

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here