This post is also available in: English (अंग्रेज़ी) हिन्दी বাংলা (बंगाली)
जब हम 6 महीने की उम्र में बच्चों को दूध छुड़ाने के लिए ठोस खाना देना शुरू करते हैं तो अनाज वो पहला फ़ूड होना चाहिए जो हम अपने बच्चों को देते हैं।
बच्चों के लिए अनाज सबसे पहला फ़ूड क्यों होना चाहिए –
- अनाज में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भरपूर होती है जो बच्चों को चलने-फिरने के लिए ज़रूरी एनर्जी देती है।
- इसमें ज़्यादा कार्बोहाइड्रेट और कम प्रोटीन का अनुपात उन बच्चों के लिए ज़रूरी है जिन्हें एनर्जी की ज़रूरत है लेकिन उन्हें एलर्जी से भी बचा कर रखना चाहिए।
- अनाज बहुत बेहतरीन प्री और प्रो बायोटिक है और जो आंत में अच्छे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ाने में मदद करते हैं।
- अनाज से एक ऐसे घोल भी बनाया जा सकता है जो खाने में भी अच्छा लगता है, इसका टेक्सचर भी थोड़ा ठोस जैसा हो और इतना गाढ़ा हो जिसे बच्चे चूसते हुए आसानी से खा सके।
- जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं और चबाना और खाना सीखते हैं, अनाज को और अच्छा बनाकर और स्वादिष्ट बनाया जा सकता है। इससे बच्चो की स्पीच(बोलने) में सुधार होता है।
- एक बार जब बच्चों को अनाज खाने की आदत हो जाती है, तो इससे उन्हें वह खाना खिलाना आसान हो जाता है जो परिवार के बाकी लोगों के लिए बनाया जाता है। इससे माता-पिता का जीवन आसान हो जाता है।
अपने बच्चे के खाने के लिए अनाज कैसे चुनें?
- 7 महीने का होने पर, सफेद चावल खिलाने से शुरुआत करें-
सफेद चावल में प्रोटीन और फाइबर की मात्रा कम होती है। और इस वजह से इससे एलर्जी होने की संभावना कम होती है और इसे पचाना आसान होगा।
2. 10 महीने की उम्र तक बाकी अनाज जैसे गेहूं, जौ, मक्का, ज्वार, रागी आदि देना शुरू कर दें।
10वे महीने में अनाज चुनते समय किन बातों का ध्यान रखें –
- वो अनाज चुनें जो आप नियमित रूप से खाते हैं।
- अगर आपके परिवार में ग्लूटेन सेंसिटिविटी या सीलिएक जैसी बीमारी का इतिहास है, तो गेहूं और अन्य ग्लूटेन से भरपूर अनाज को खाने का ख्याल बाद के लिए छोड़ दें।
- रिफाइंड अनाज के बजाय साबुत अनाज चुनें।
10 महीने के बाद आप अपने बच्चे को कौन से अनाज खिला सकते हैं?
- चावल
- गेहूँ
- जौ
- ओट्स
- मक्का
- रागी
- ज्वार
- कुटू
आप अपने बच्चे को जो अनाज खिलाते हैं, उसे कैसे प्रोसेस करें और पकाएँ?
- सबसे पहले पिसे हुए चावल (सफेद चावल) का इस्तेमाल करें। इसमें फाइबर और प्रोटीन की मात्रा कम होती है।
- अंकुरित/माल्टेड बाजरा और मक्के का इस्तेमाल करें। अंकुरण, बाजरे के आटे की चिपचिपाहट को कम कर देता है और आपके बच्चे के लिए हर बार ज़्यादा खाने को आसान बनाता है। यह विटामिन और खनिजों का भी एक अच्छा स्रोत है।
बच्चों को अनाज देते समय कौन सी सावधानियाँ लेनी चाहिए
- माँ का दूध छुड़ाते समय स्तनपान जारी रखें। ब्रेस्टमिल्क आंत की रक्षा करता है और एलर्जी से बचाता है।
- किसी भी तरह के अनाज से एलर्जी हो सकती है। किसी भी नए अनाज का इस्तेमाल कई दिनों बाद करें और बहुत कम मात्रा में करें।
अनाज एनर्जी का एक बड़ा स्रोत हैं क्योंकि वे कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं। हालांकि, वे कई अमीनो एसिड के लिए खराब होते हैं जो शरीर को प्रोटीन बनाने के लिए ज़रूरी होते हैं।
इसलिए बचे हुए अमीनो एसिड की भरपाई के लिए फलियों (दाल) के साथ अनाज खाना ज़रूरी है।
अनाज खिलाना शुरू करने के तुरंत बाद अपने बच्चे के खाने में दाल शामिल करें और फिर अपने बच्चे को दाल-चावल, खिचड़ी, इडली, डोसा जैसी चीज़े दें।
बच्चों को केवल अनाज खिलाने से, खासकर अगर यह सफेद चावल या मैदा जैसा रिफाइन अनाज है, तो उनसे बच्चों में कई कमियां हो सकती हैं।
डॉ देबमिता दत्ता एमबीबीएस, एमडी
द्वारा
डॉ. देबमिता दत्ता एमबीबीएस, एमडी एक व्यावसायिक डॉक्टर हैं, पेरेंटिंग कंसल्टेंट हैं, और डब्ल्यूपीए whatparentsask.com की संस्थापक हैं, वह स्कूलों और कॉर्पोरेट संगठनों के लिए बच्चों के पालन-पोषण पर ऑनलाइन और ऑफलाइन वर्कशॉप आयोजित करती हैं। वह ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रसवपूर्व और शिशु देखभाल के लिए कक्षाएं भी संचालित करती हैं। वह पालन-पोषण में एक प्रसिद्ध विचार-नेता की विशेषज्ञ हैं। उनकी किताबें जगरनॉट बुक्स द्वारा प्रकाशित की गई हैं और पालन-पोषण के प्रति उनके सहानुभूतिपूर्ण और करुणामय दृष्टिकोण और पालन-पोषण के लिए शरीरक्रिया विज्ञान और मस्तिष्क विज्ञान के उनके अनुप्रयोग के लिए उन्हें अक्सर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशनों में उद्धृत किया जाता है।
This post is also available in: English (अंग्रेज़ी) हिन्दी বাংলা (बंगाली)